अगर आपने कभी यह स्तोत्र पढ़ा होगा तो यह जाना होगा कि श्रीरुद्रयामल के गौरी तंत्र में शिव पार्वती संवाद के नाम से उदधृत है। ध्यान रहें कि दुर्गा सप्तशती का पाठ थोड़ा कठिन ज़रूर होता है और कुंजिका स्तोत्र का पाठ ज्यादा सरल व प्रभावशाली होता है। आपको जानकर हैरानी होगी पर सत्य यही है कि मात्र कुंजिका स्तोत्र के पाठ से सप्तशती के सम्पूर्ण पाठ का फल आपको प्राप्त हो सकता है।
बता दें कि इसके मंत्र स्वतः सिद्ध किए हुए हैं और इसलिए इन्हें अलग से सिद्ध करने की कोई आवश्यकता नहीं मानी जाती। जान लें कि यह अद्भुत स्तोत्र है, जिसका प्रभाव बहुत चमत्कारी होता है और तो और इसके नियमित रूप से पाठ करने से आपकी सारी मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकती है। खासकर के नवरात्रि में इसका पाठ आप करेंगे तो यह बहुत शुभ होगा।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के क्या है लाभ –
• सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ बहुत फलदायी माना जाता है।
• इस स्तोत्र को बस पढ़ लेने से हर व्यक्ति को वाणी और मन की शक्ति प्राप्त होती है।
• मां दुर्गा के इस खास स्तोत्र को पढ़ने वाले हर व्यक्ति के अंदर असीम ऊर्जा का संचार होता है।
• यही नहीं, इस स्तोत्र की मदद से व्यक्ति को खराब ग्रहों के प्रभाव से छुटकारा भी मिलता है।
• सिद्ध कुंजिका स्तोत्र को पढ़ने से आपको अपने जीवन में धन व समृद्धि मिलती है।
• और तो और इस स्तोत्र को पढ़ने से तंत्र-मंत्र की नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं होता है।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने के क्या है नियम –
नवरात्रि के दौरान शाम के समय या फिर रात्रि के समय आप सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से आपको शुभ फल प्राप्त होगा। याद से देवी के समक्ष आप एक घी का दीपक जलाएं और इसके बाद ही लाल आसन पर बैठ जाएं। अब आप लाल वस्त्र धारण कर लें और इसके बाद देवी को प्रणाम करें। फिर कुंजिका स्तोत्र का पाठ ज़रूर करें और याद रखें इस कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने वाले साधक को पवित्रता का पालन करना चाहिए।
बताते चलें दोस्तों कि आप सिद्ध कुंजिका स्तोत्र अवश्य पढ़ें और मां दुर्गा का आशींवार्द प्राप्त करें।