धर्म ज्ञान शास्त्र

रविवार के दिन तुलसी को छूना और उन्हें जल चढ़ाना क्यों माना जाता है गलत?

भारत एक ऐसा देश है जहां भगवान, पूजा-पाठ, धर्म जाति समाज आदि के नाम पर कई तरह के नियम व कानून को लोग मानते हैं और जब आप इन नियमों और दायरों की बात करें तो आप यह पायेंगे कि जहां एक ओर भारत में बने हर नियम का अपना एक धार्मिक महत्व है, तो वहीं दूसरी ओर इन नियमों का कोई ना कोई वैज्ञानिक कारण भी जरूर होता हैं।

आज वेद संसार आपको बताने जा रहा है कि रविवार को तुलसी का पौधा आखिर क्यों नहीं छुना चाहिए और जल भी क्यों नहीं चढ़ाना चाहिए व साथ ही इसके पीछे क्या है धार्मिक कारण –

हमारे हिन्दु धर्म में तुलसी का पौधा बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और इस बात से कोई भी अंजान नहीं है। यही नहीं, हमारे पुराणों में भी तुलसी पौधे के अलग अलग नामों और उनके अलग अलग महत्वताओं के बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है। वहीं, इन्हीं पुराणों में तुलसी का पौधा ना छुने को लेकर भी कई कारण बताए गए है

भगवान श्रीहरि को बेहद प्रिय है तुलसी –

ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीहरि को तुलसी बहुत प्रिय है और इसलिए तुलसी के पूजा से श्रीहरि बहुत खुश होते है। यूं तो हमारे पुराणों के अनुसार भगवान श्रीहरि के पूजन के लिए सबसे शुभ दिन वीरवार ही माना जाता है, लेकिन हां रविवार का दिन भी भगवान विष्णु का सबसे प्रिय दिन माना जाता है और यही कारण है कि भगवान विष्णु की प्रिय तुलसी को रविवार के दिन भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए। कहते है कि जो भी रविवार के दिन तुलसी तोड़ता है उस पर भगवान विष्णु क्रोधित हो जाते है

जान लें कि भगवान विष्णु का ही एक रूप शालिग्राम को माना जाता है और शालिग्राम से ही तुलसी का विवाह हुआ था। रविवार के दिन भगवान विष्णु पर तुलसी चढ़ाकर पूजा की जाती है और उनके प्रिय दिन तुलसी पर जल चढ़ाना, पूजा करना और उसे तोड़ना इन सबकी मनाही होती है।

रविवार के दिन होता है मां तुलसी का व्रत –

यह बहुत कम लोग जानते हैं कि रविवार के दिन मां तुलसी का व्रत होता है। इस खास दिन मां तुलसी पूरे दिन पूर्ण रूप से व्रत रखती है और इसलिए इस दिन तुलसी के पत्ते गलती से भी नहीं तोड़ने चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से उनके व्रत में बाधा पड़ जाती है।

बताते चलें कि एक मान्यता यह भी है कि तुलसी के पत्तों को कभी भी बिना नहाये नहीं तोड़ना चाहिए, क्योंकि अगर कोई बिना नहाये तुलसी के पत्तों को पूजा के लिए तोड़ता है, तो ऐसे चढ़ाए गए पत्तों को भगवान पूजन में स्वीकार नहीं करते हैं। तुलसी के हर पत्ते को आप 11 दिनों तक पूजा के लिए बार-बार प्रयोग किया जा सकता है।

यही नहीं, हमारे पुराणों के अनुसार तुलसी के पत्ते 11 दिनों तक शुद्ध माने जाते है। इसलिए याद रखें कि यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि आप रोज के पूजा के लिए रोज तुलसी के पत्ते तोड़े, बल्कि 1 पत्ते को आप 11 दिनों तक धो-धो कर पूजा के लिए प्रयोग में ला सकते हैं

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