राशिफल शास्त्र

मंगली कौन होते हैं, इस ग्रह का अशुभ होना कैसे है खतरनाक!

आपने बहुत से लोगों से मंगली शब्द सुना होगा… कुछ लोग इस शब्द से ही नफरत करते हैं और मंगली लड़की व लड़के को खुद से कोसो दूर रखते हैं… ऐसी मान्यता है कि जो लोग मंगली होते हैं उनके साथ परेशानियां हमेशा साथ रहती है और शादी में भी काफी अड़चने आती हैं, क्योंकि एक मंगली की शादी किसी मंगले से ही हो सकती है… नहीं तो शादीशुदा ज़िंदगी कभी अच्छी नहीं व्यतित होती।

वहीं, हमारे ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को सभी 9 ग्रहों मे सेनापति का दर्जा प्राप्त है। यही नहीं, मंगल भूमि पुत्र हैं। मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी भी माना जाता है। आज वेद संसार आपको बताने जा रहा है कि मंगल के कुंडली में होने से जातक के स्वभाव और भविष्य में क्या असर पड़ सकता है –

याद रखें कि मेष और वृश्चिक राशि जो होती है… उनके स्वामी मंगल माने जाते हैं। इसी के साथ जिन लोगों की कुंडली में पहले, चौथे, सातवें और बारहवें भाव में मंगल स्थित होता है… ऐसे लोग ही मंगली कहलाते हैं।
बता दें कि कुंडली में मंगल के अशुभ होने पर कर्ज का बोझ काफी बढ़ जाता है। जमीन से संबंधित मामलों में परेशानियां भी काफी आती हैं। और तो और मंगल के अशुभ होने से जातक के विवाह में देरी होती है। इन सबके अलावा मंगल के शुभ नहीं होने पर व्यक्ति को रक्त संबंधित बीमारियां हमेशा घेरे रहती है।

आइए बताते हैं कुंडली में मंगल को शुभ करने के कुछ अचूक उपाय –

पहला उपाय

कुंडली से मंगल दोष को कम करने के लिए लाल मसूर की दाल, लाल वस्त्र, लाल गुलाल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद से पूजा करनी शुरु कर दें। कहते हैं ऐसा करने से आपके मंगली दोष दूर हो सकते हैं और आपको एक खुशहाल जीवन की प्राप्ति हो सकती है।

दूसरा उपाय

वहीं, अगर आप अपने कुंडली में मंगल को बली बनाना चाहते हैं, तो ऊँ भौमाय नम: और ऊँ अं अंगारकाय नम: मंत्र का जाप ज़रूर करें और फिर चमत्कार देखें।

दोस्तों, मंगली होना कोई पाप नहीं है और ना ही आप मंगली लोगों से घृणा करें… यह भी हम आम लोग जैसे ही हैं। मंगली को दोष का नाम दे दिया गया है लेकिन यह दोष कभी-कभी खुशियों की चाबी भी मानी जाती है और अगर वाकई में आपको मंगली दोष लग रहा हो तो वेद संसार द्वारा बताए गए उपायों को अपनाएं और फिर इनसे छुटकारा पाएं।

Leave a Comment