हिंदू धर्म में ऐसे बहुत से ग्रंथ मौजूद हैं, जिनसे हमें बहुत सी शिक्षाएं प्राप्त होती हैं। श्रीमद्भगवद्गीता में जो उपदेश दिए गए हैं, उनमें हमारे जीवन के हर पहलू का सार छिपा होता है। यही नहीं, हर एक प्रसंग में जीवन के हर अनुभव के बारे में भी विस्तार से ज़िक्र किया गया है। हर एक व्यक्ति का जन्म से लेकर मरने तक के चक्र का श्रीमद्भगवद्गीता में इसका लेखा-जोखा आपको मिलेगा।
हम सभी अपनी ज़िंदगी में जाने-अनजाने कई गल्तियां कर देते हैं, लेकिन उसका परिणाम क्या होगा यह हमारे सोच से भी परे होता है। गलती करना बुरी बात नहीं हैं, क्योंकि जो गलती नहीं करते हैं वह अपनी लाइफ में कुछ भी नहीं कर रहे होते हैं, लेकिन वहीं, अपनी गलती से कोई सीख नहीं लेता तो यह गलती नहीं गुनाह हो जाता है। भगवान श्रीराम ऐसे ही सारे जग में पूजे नहीं जाते हैं, उन्होंने भी काफी संघर्ष किया है और जीवन की सीख हमें उनसे ज़रूर सीखनी चाहिए।
यह सत्य है कि अगर हर व्यक्ति गीता में छुपे उपदेशों को अपने जीवन में अपना लेता है, तो उसे कभी भी हार का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आज वेद संसार आपको श्रीमद्भगवद्गीता में उल्लेख कुछ खास प्रसंगों के बारे में बताने जा रहा है –
• अकसर आपने लोगों में शंका का भाव देखा होगा… कौन क्या मेरे बारे में बोल रहा अच्छा या बुरा ऐसी सोच रखने वाले लोगों को यह बात ज़रूर जानना चाहिए कि गीता में यह साफ बताया गया है कि जो लोग दूसरों पर बिना किसी वजह के संदेह करते हैं, वह कभी खुश नहीं रह सकते हैं, क्योंकि वह बिना किसी कारण खुद ही अपने रिश्तों में कड़वाहट भर देते हैं।
• आप बहुत धनी हैं, लेकिन आपके अंदर वासना, गुस्सा और लालच… यह तीनों चीज़ें मौजूद हैं, तो जान लें कि आपने खुद के लिए नरक का रास्ता तय कर लिया हैं। श्रीमद्भगवद्गीता में यह साफ-साफ बताया गया है कि व्यक्ति को इन तीनों चीज़ें से कोसो दूर रहना चाहिए।
• जीवन और मृत्यु… यह दोनों ही एक कड़वा सच है… किसी जीव का अगर जन्म हुआ है, तो मृत्यु भी निश्चित रूप से होगी। यही कारण है कि जो चीज़ें निश्वित हैं उसके लिए शोक या फिर पछतावा क्यों करना और व्यर्थ की चिंता में क्यों पड़ना। ऐसा करने से आपको खुशी तो नहीं बल्कि नुकसान ही पहुंचेगा।
• यूं तो हम सभी खुद को बहुत समझदार समझते हैं, जो कि गलत बात है, क्योंकि जो भी लोग समझदार होते हैं… उन्हें समाज में भलाई का काम करना चाहिए और साथ ही निस्वार्थ भावना से अपने हर काम में आगे बढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। अब आप खुद सोच लें कि क्या आप समझदार व्यक्तियों की गिनती में आते हैं या नहीं।
• बताते चलें कि गीता में यह भी साफ लिखा है कि जब कोई व्यक्ति भगवान को याद करते-करते मृत्यु को प्राप्त होता है, तो उसे सीधा भगवत धाम की ही प्राप्ति होती है।