वास्तु टिप्स

2020 में रहना चाहते हैं स्वस्थ तो अपनाएं यह 5 वास्तु टिप्स

2020 में रहना चाहते हैं स्वस्थ तो अपनाएं यह 5 वास्तु टिप्स

नए साल की शुरुआत हो गई है और हर कोई नए साल में खुशियों के साथ-साथ एक अच्छे सेहत की चाह रखता है, तो ऐसे में आज वेद संसार आपको बताने जा रहा है कि कैसे साल 2020 में आप घर की वास्तु पर ध्यान देकर हमेशा स्वस्थ और खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

किसी ने सही कहा है कि स्वस्थ्य तन में स्वस्थ्य मन का निवास होता है… और इसकी चाह आप रखते हैं तो आपको अपनी जीवनशैली में सुधार लाने के साथ-साथ वास्तुशास्त्र के कुछ आधारभूत नियमों का भी ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है, जिससे आपको परिवार में स्वास्थ्यप्रद वातावरण हमेशा बना रहता है।

वेद संसार आपको अब विस्तार से बताने जा रहा है स्वस्थ रहने के यह 5 वास्तु टिप्स –

1. जान लें कि उगते हुए सूरज की किरणें सेहत के लिए बहुत लाभदायक मानी जाती हैं, जिससे पूरे घर के बैक्टीरिया एवं कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। सुबह उठकर पूर्व दिशा की सारी खिड़किया एवं दरवाजे ज़रूर खोल दें, क्योंकि ऐसा करने से सूर्य देव का आशीर्वाद भी मिलेगा। याद से दोपहर के बाद सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से निकलने वाली ऊर्जा तरंगें सेहत के लिए बहुत हानिकारक होती हैं और इनसे बचने के लिए सुबह ग्यारह बजे बाद घर की दक्षिण दिशा में स्थित खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखें क्योंकि वास्तु में ये किरणें शरीर के लिए हानिकारक मानी गई हैं।

2. गर्भवती महिलाओं को दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित कमरे में ही रहना चाहिए। ऐसी अवस्था में पूर्वोत्तर दिशा, ईशान कोण अथवा आग्नेय दिशा में शयनकक्ष नहीं रखना चाहिए अन्यथा गर्भाशय संबंधी समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती हैं। बस इसी प्रकार नवजात शिशुओं के लिए घर के पूर्व एवं पूर्वोत्तर के कमरे स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम माने गए हैं। सोते समय बच्चे का सिर पूर्व दिशा की तरफ ही होना चाहिए।

3. बेडरूम हमेशा खुला और हवादार होना चाहिए और  ऐसा ना होने से व्यक्ति को मानसिक तनाव एवं नर्वस सिस्टम से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। वहीं, ब्लडप्रेशर के मरीजों को दक्षिण-पूर्व में शयनकक्ष नहीं बनाना चाहिए क्योंकि यह दिशा अग्नि तत्व के प्रभाव में रहती हैं और यहाँ रहने से ब्लडप्रेशर और बढ़ सकता है।

4. वास्तुशास्त्र में भवन की दीवारों पर दरार और सीलन होना भी नकारात्मक स्थिति की ओर इशारा करता है और इसलिए कहा जाता है कि सीलन भरे स्थानों पर अधिक समय तक रहने से श्वास एवं त्वचा संबंधी दिक्क्तें हो सकती हैं। परिवार के बुजुर्ग सदस्यों को हमेशा नैऋत्य कोण यानि दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित कमरे में रहना चाहिए, यहाँ रहने से उनकी सेहत हमेशा अच्छी बनी रहेगी।

5. भोजन करते समय आपका मुख पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। ऐसा करने से सेहत हमेशा अच्छी बनी रहती है। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करना वास्तु में वर्जित माना गया है एवं पश्चिम की ओर भोजन करने से रोग में वृद्धि होने की संभावना रहती है। शयनकक्ष में पुरानी और बेकार वस्तुओं का संग्रह न करें इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है व साथ ही ऐसी बेकार चीजें रखने से अनेक बीमारियां उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती हैं।

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