यूं तो हमारे पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में कई शगुन-अपशगुन, मान्यताएं व परंपराएं बताई गई हैं। यही बातें हमारे जीवन में हमें सुख-समृद्धि, धन-दौलत, सौभाग्य-दुर्भाग्य का रास्ता भी बताती है।
आज वेद संसार आपको बताने जा रहा है झाड़ू से संबंधित वह 10 शगुन-अपशगुन बातें
• कभी भी अंधेरा होने के बाद यानी कि शाम होते ही घर में झाड़ू ना लगाएं। यह अशुभ होता है।
• वहीं, अगर कोई व्यक्ति सपने में नई झाड़ू लेकर अपने आपको खड़ा देखता है, तो यह सौभाग्य का प्रतीक होता है।
• बता दें कि कभी भी भूले से अपने घर में उलटा झाडू ना रखें, क्योंकि यह अपशगुन माना जाता है।
• इस बात का भी ध्यान दें कि परिवार के किसी भी सदस्य के बाहर जाते ही तुरंत घर में झाड़ू ना लगाएं, क्योंकि ऐसा करना अशुभ होता है। जान लें कि अगर वह दूरस्थ स्थान की यात्रा पर गया हो, तो उन्हें मृत्युतुल्य कष्ट होने के योग बन जाते हैं। अच्छा यह होगा कि उनके जाने के बाद 1 या 2 घंटे बाद झाड़ू-पोंछा करें।
• ध्यान रहे कि झाड़ू पर पैर रखना भी अपशगुन माना जाता है। इसका साफ अर्थ घर की लक्ष्मी को ठोकर मारना होता है।
• यह बात सत्य है कि अगर हम झाड़ू का आदर करते हैं, तो इससे महालक्ष्मी भी प्रसन्न होती है।
• अगर आप नया घर/भवन में एंट्री करने जा रहे हैं तो भूलकर भी अपने नये घर में पुराना झाड़ू ना लेकर जाएं क्योंकि यह अपशगुन होता है।
• यही नहीं, अगर घर में कोई छोटा बच्चा अचानक झाड़ू लगाने लगे… तो समझ जाएं कि आपके घर में कोई अनचाहा मेहमान आने का योग बन रहा हैं।
• विशेष ध्यान रखें कि आप अपने घर में झाड़ू को हमेशा छिपाकर ही रखें। बता दें कि झाड़ू को ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां से वह हमें, घर या बाहर के किसी भी सदस्यों को दिखाई नहीं दें।
• यह बात भी हमेशा ध्यान में रखने के योग्य है कि झाड़ू को कभी भी घर से बाहर अथवा छत पर नहीं रखना चाहिए। ऐसा करना बहुत अशुभ माना जाता है। जान लें कि ऐसा करने से घर में चोरी की वारदात होने का भय उत्पन्न होता है।
आइए अब बताते हैं कि कैसे आप अपने घर को पवित्र बना सकते हैं
क्या आपके घर में आए दिन कलह हो रही है… हर काम में बाधा आ रही है… कभी ऐसा प्रतीत हो रहा हो कि घर में देवताओं का वास नहीं है… तो जान लें कि यह संकेत है कि आपका घर अशुद्ध है।
आइए बताते हैं आपको कुछ प्राचीन और आसान टिप्स जिससे आपको इन समस्याओं से निपटारा जल्दी मिल सकता है –
• रोजाना सूर्यास्त के समय इक्कीस दिन तक गाय का आधा किलो कच्चा दूध लें।
• अब उसमें नौ बूंद शुद्ध शहद को मिला लें और एक अच्छे साफ-सुथरे बर्तन में डालकर स्नान करें।
• वहीं, शुद्ध वस्त्र पहनकर मकान की ऊपरी छत से नीचे तक प्रत्येक कमरे, जीने, गैलरी आदि में उस दूध के अच्छी तरह छींट दें।
• आप अवश्य मुख्य द्वार तक आएं और द्वार के बाहर बचे हुए शेष दूध को धार से वहीं गिरा दें। ध्यान से इस प्रक्रिया को करते हुए अपने इष्टदेव का स्मरण भी ज़रूर करते रहें।
• यही नहीं, इक्कीस दिनों तक ऐसा करने से घर हरेक प्रकार की बाधाओं से मुक्त हो जाता है।
बताते चलें कि घर को पवित्र और शुद्ध रखने का यह वाकई एक पौराणिक उपाय है।