ज्योतिष शास्त्र

सुबह हथेलियों को देखने से कैसे हो सकती है आपके सौभाग्य में वृद्धि!

आपने बहुत से लोगों से यह बात सुनी होगी कि अगर हमारी सुबह की शुरुआत अच्छी हो तो हमारा पूरा दिन भी बहुत अच्छा बीतता है। हम सभी भगवान से यह प्रार्थना करते हैं कि हम सबका दिन अच्छा व्यतीत हो व साथ ही हम सब सुबह-सुबह अपने मन और घर में शांति व प्रसन्नता की कामना भी करते हैं, तभी तो हम आँख खुलते ही कुछ भी ऐसा देखना बिल्कुल पसंद नहीं करते, जिससे हमारा मन खराब हो और जिसकी वजह से पूरा दिन भी व्यर्थ चला जाए।

कर (हस्त) दर्शनम संस्कार क्या है –

वहीं, हमारा दिन हमारे लिए शुभ हो इसके लिए भारतीय ऋषि-मुनियों ने कर (हस्त) दर्शनम का संस्कार हमें दिया है। शास्त्रों की मानें तो सुबह जब हम जागते हैं, तब बिस्तर पर सबसे पहले बैठकर दोनों हाथों की हथेलियों (करतल) का दर्शन करना चाहिए। ऋषि-मुनियों ने तो इसको विधान भी बताया है। कहते हैं कि इससे व्यक्ति की दशा तो सुधरती ही है और सौभाग्य में वृद्धि भी ज़रूर होती है। याद रखें और इसे एक रोजाना का नियम बना लें कि जब आप सुबह नींद से जागें तो अपनी हथेलियों को आपस में मिलाकर पुस्तक की तरह खोल लें और यह श्लोक पढ़ते हुए अपनी हथेलियों का दर्शन करें –

“कराग्रे बसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती ।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥

श्लोक का अर्थ: मेरे हाथ के अग्रभाग में भगवती लक्ष्मी का निवास है। मध्य भाग में विद्यादात्री सरस्वती और मूल भाग में भगवान विष्णु का निवास है। अतः प्रभातकाल में मैं इनका दर्शन करता हूँ। इस श्लोक में धन की देवी लक्ष्मी, विद्या की देवी सरस्वती और अपार शक्ति के दाता,सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु की स्तुति की गई है, ताकि जीवन में धन, विद्या और भगवत कृपा की प्राप्ति हो सके।

कर दर्शन का मूल भाव –

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हथेलियों के दर्शन का मूल भाव यही है कि हम अपने कर्म पर विश्वास करें। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि ऐसे कर्म करें जिससे जीवन में धन, सुख और ज्ञान प्राप्त कर सकें। हमारे हाथों से कोई बुरा काम ना हो एवं दूसरों की मदद के लिए हमेशा हाथ आगे बढ़ें।

कर दर्शन का दूसरा पहलू यह भी कहता है कि हमारी वृतियां भगवत चिंतन की ओर प्रवृत हों ऐसा करने से शुद्ध सात्विक कार्य करने की प्रेरणा मिलती हैं, साथ ही पराश्रित ना रहकर अपनी मेहनत से जीविका कमाने की भावना भी पैदा होती है।

कर दर्शन से आँखें रहेंगी स्वस्थ –

दोस्तों ध्यान रहे कि जब हम सुबह सोकर उठते हैं तो हमारी आखें उनींदी रहती हैं। ऐसे में यदि आप एकदम से दूर की वस्तु या कहीं रोशनी पर हमारी नज़र पड़ेगी, तो आखों पर कुप्रभाव पड़ेगा। कर दर्शन करने का यह फायदा है कि इससे आपकी दृष्टि धीरे धीरे स्थिर होती चली जाएगी और साथ ही आपकी आँखों पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ेगा।

हम आशा करते हैं कि वेद संसार द्वारा बताए गए इस कर दर्शन की जानकारी आपको खूब पसंद आई होगी और आप भी आज से इस नियम को अपनाएंगे और अपने सौभाग्य में वृद्धि लाएंगे।

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