हमारे जीवन में ज्योतिष शास्त्र का बहुत ही खास महत्व माना गया है। जब किसी की कुंडली में कोई ग्रह प्रतिकूल प्रभाव दिखाना शुरु करता है, तो उस व्यक्ति के जीवन में उसे हर तरह की परेशानियां होने लगती है जैसे कि बीमारी, धन हानि, मानसिक अशान्ति, असफलता और पारिवारिक कलह आदि।
वहीं, ज्योतिष में ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने और उसको अपने पक्ष में करने के लिए भी कई रत्नों को धारण करने की सलाह बड़े-बुजुर्गों या फिर पंडितों द्वारा दी जाती है। इन्हीं रत्नों में एक रत्न है नीलम। ज्योतिशास्त्र के अनुसार नीलम रत्न का संबंध सीधे शनि से होता है। शनिदेव का मनपसंद रत्न अगर कोई है तो वह है नीलम, जिसे हर कोई व्यक्ति ऐसे ही नहीं पहन सकता है।
जान लें कि नीलम जब किसी व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम देना शुरु करता है तब वह व्यक्ति कुछ ही दिनों सुख-संपदा और ऐश्वर्य से परिपूर्ण हो जाता है। वहीं, नीलम अगर बुरा प्रभाव देने पर आए तो व्यक्ति को भिखारी भी बना देता है। कहते हैं कि नीलम रत्न बहुत ही जांच परख कर ही धारण करना चाहिए।
आज वेद संसार आपको नीलम रत्न से जुड़ी कुछ जानकारियों से अवगत कराने जा रहा है, जो इस प्रकार है –
अशुभ प्रभाव –
• नीलम रत्न का प्रभाव काफी तेजी से सामने नज़र आता है। अगर यह रत्न आपके लिए सही साबित नही हुआ तो आपकी आंखों में तकलीफ होनी शुरु हो जाएगी।
• वहीं, नीलम के प्रतिकूल होने पर दुर्घटनाएं और शारीरिक कष्ट भी बढ़ने लग जाते हैं।
• नीलम रत्न जिसे व्यक्ति धारण करता है, उसके शुभ नहीं होने पर तुरंत आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
• और तो और नीलम अगर अनुकूल नहीं है तो बुरे और डरावने सपने भी आपको आने लगते हैं।
शुभ प्रभाव –
• बता दें कि नीलम जिनके लिए अनुकूल और शुभ होता है उन्हें धारण करते ही आपको शुभ फल मिलना शुरु हो जाएगा। सबसे पहले तो स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी चल रही है तो उससे राहत मिलनी शुरू हो जाएगी।
• नीलम रत्न के शुभ होने पर धारण करने वाले व्यक्ति को आर्थिक लाभ मिलने के साथ-साथ आपकी नौकरी और व्यवसाय में उन्नति के संकेत मिलने शुरू हो जाते हैं।
• यही नहीं, नीलम धारण करने के बाद आपके साथ कुछ अशुभ घटना घटित न हो तब यह समझ लेना चाहिए कि आपके लिए यह रत्न बेहद शुभ है।
नीला रत्न पहनने के लाभ –
• जो लोग नीलम रत्न पहनते हैं उनके मन की एकाग्रता बढ़ने लग जाती है जिससे सफलता की दर भी बढ़ जाती है।
• वहीं, जिन जातकों का जन्म वृष लग्न और तुला लग्न में होता है, उनके लिए भी नीलम राजयोग की कारक होती है।
नीलम रत्न धारण करने के नियम –
• नीलम रत्न को घर पर लाने के बाद ही उसे गंगाजल से भरे किसी पात्र में रख दें। शनिवार के दिन ही इसे धारण करें।
• नीलम को शनिवार के दिन दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करना शुभ होगा।
• नीलम रत्न को पहनने से पहले अच्छा होगा कि आप किसी बड़े और योग्य पंडित से अपनी कुंडली दिखाएं।