धर्म ज्ञान

पूजा के समय आंख से आंसू और छींक आने का क्या है रहस्य!

पूजा हम सभी करते हैं… पूजा करने से हमारा मन शांत रहता है और आस पास का वातावरण भी शुद्ध माना जाता है। हमारे दिनचर्या का एक हिस्सा होता है, पूजा करना। घर के सिर्फ बड़े-बुजुर्गों को ही नहीं, बल्कि परिवार के हर सदस्य को पूजा के लिए थोड़ा समय ज़रूर निकालना चाहिए क्योंकि इससे आप खुद को भगवान से कनेक्ट कर पाने में सफल हो पाएंगे।

अगर ,आप पूजा करते हैं तो आपने भी कभी ना कभी यह महसूस ज़रूर किया होगा – पूजा के दौरान आंखों से आंसू निकल आना और कभी छींक आ जाना…

आपका जवाब हां है तो आज वेद संसार आपको इन्हीं दो बातों का रहस्य आपसे साझा करने जा रहा है कि आखिर पूजा करते समय हमारी आँखों से आंसू और छींक क्यों आते है और क्या यही हमारी पूजा के सफल होने का संकेत देते है???

ज़रा ध्यान से पढ़िएगा –

आपमें से बहुत से लोग ऐसे ज़रूर होंगे जिन्होंने कई बार यह महसूस किया होगा की पूजा करते वक़्त अचानक उनकी आँखों से आंसू आने लग गए हो…

बात अगर शास्त्रों की करें तो पूजा करते समय अगर कभी हमारी आँखें नम हो जाती हैं, आंसू आने लगते हैं, या नींद और उबासी या फिर छींक आती है तो यह एक बहुत बड़ा रहस्य माना गया है

जानना चाहते हैं कि क्या है यह रहस्य… तो चलिए सबसे पहले बताते हैं

पूजा के समय जम्हाई या नींद क्यों आती है –

शास्त्रों में इस बात का उल्लेख है कि सच्चे मन से की गयी पूजा हमेशा भगवान स्वीकार करते है और अगर कभी पूजा के समय किसी को जम्हाई या नींद आने लगती है तो इसका अर्थ है कि उस व्यक्ति के मन में दोहरी विचारधारा मौजूद है.. जिसकी वजह उसके मन में कई तरह के विचार उमड़ रहे है। यही कारण भी है कि विचारों का अंतर्द्वंद आपके मन को कभी चैन नहीं मिलने देगा और इसलिए आप किसी परेशानी में होकर भगवान की पूजा या अराधना करते हैं तो आपको जम्हाई या फिर नींद आने लग जाती है।

पूजा के समय आंसू क्यों आते हैं –

वहीं, अगर आपको पूजा पाठ करते समय आँखों से आंसू निकल आए तो जान लें कि इसका अर्थ यह है की कोई ईश्वरीय शक्ति आपको कुछ संकेत देना चाह रही है। दरअसल, जब आप भगवान के किसी भी रूप का ध्यान और उनकी पूजा में लीन हो जाते है तो इसका यह अर्थ है कि भगवान के उस रूप के साथ आपका कनेक्शन हो गया है या कह सकते है की आपके द्वारा की गयी पूजा सफल हो गयी है, जो आपकी खुशी को आंसू के रूप में छलका रही होती है।

वहीं, कई बार यह भी कहा जाता है की पूजा के समय आँखों से आने वाले आंसू या फिर उबासी का एक कारण नकारात्मकता भी होती है। बता दें कि जब कभी हमारा मन पूजा पाठ, धार्मिक ग्रंथो और आरती में न लगे साथ ही शरीर भारी होने लगे तो ऐसे में आपको समझ जाना चाहिए की कोई ना कोई नेगेटिव एनर्जी आपके आस-पास ज़रूर मौजूद है।

अब बताते हैं पूजा के समय छींक का आना क्या संकेत देता है –

हम मानव है और हमारे शरीर में कई प्रकार कि क्रियायें होती रहती हैं, जिनमें से कुछ क्रियायें ऐसी भी होती हैं जिनका शास्त्र और मानव जीवन दोनों से ही गहरा संबध माना जाता है।

जिस क्रिया की बात हम करने जा रहे हैं वह है छींक की… हर इंसान छींकता है और छींक आना बहुत ज़रूरी भी है, क्योंकि यह हमारे शरीर से गंदगी को निकाल बाहर करता है। देखा जाए तो किसी भी काम को करने से पहले अगर किसी को छींक आ जाती है तो उसे हम शुभ या अशुभ मानकर बैठ जाते हैं

वेद संसार आपको बताएगा कि पूजा के समय छींक आना शुभ होता है या फिर अशुभ…

किसी भी धार्मिक स्थान या पूजा स्थान पर नहीं छींकना चाहिए। सत्य यह भी है कि छींक पर किसी का ज़ोर नहीं चलता है क्योंकि छींक कोई समय या स्थिति देखकर नहीं आती है…

बता दें कि अगर पूजा के दौरान आपको छींक आ जाती है तो इसका अर्थ यही होता है कि आप अशुद्ध हो गए हैं और इसलिए आपको तुरंत पूजा रूम से बाहर निकल जाना चाहिए और थोड़ी देर रूककर अपने मुंह-हाथ अच्छे से धोकर पूजा में बैठना चाहिए व साथ ही पूजा रूम को गंगा जल से शुद्ध कर लेना चाहिए।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि छींक का आना हर बार अशुभ ही नहीं होता… जब कभी आप घर से किसी अच्छे काम के लिए निकल रहे हो और छींक आ जाए तो वह अशुभ माना जाता है लेकिन वही छींक अगर दो बार आ जाए तो यह बहुत ही शुभ होता है

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