25 अक्तूबर, 2020 को पूरा देश दशहरा का पर्व मनाएगा। दशहरा के ही दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है। वहीं, हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह त्योहार माना जाता है अधर्म पर धर्म की, और असत्य पर सत्य की जीत का।
यह हम सभी जानते हैं कि रावण बहुत ही पराक्रमी इंसान था। ऐसा कहा जाता है कि अगर विभीषण रावण का भेद नहीं बताता तो भगवान श्रीराम को उसे मार पाना बहुत कठिन था। बता दें कि रावण शस्त्र के साथ-साथ कई शास्त्रों का गहरा ज्ञान भी जानता था और इसलिए उसे प्रकांड विद्वान पंडित एवं महाज्ञानी का भी नाम दिया गया था।
रावण जो था वह अपने ज्ञान और बाहुबल के अहंकार में इतना चूर रहा करता था कि उसने खुद का सर्वनाश कर बैठा। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रावण ने मरने से पहले भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण को कुछ उपदेश दिए थे, जो आज के समय में भी लोगों के लिए सफलता की कुंजी है।
गौरतलब है कि, रावण जब अपनी मरणासन्न अवस्था में था, तब भगवान राम ने लक्ष्मण से यह बड़ी बात कही थी कि –
“इस संसार से नीति, राजनीति और शक्ति का महान पंडित विदा ले रहा है, तुम उसके पास जाओ और उससे जीवन की कुछ ऐसी शिक्षा ले लो जो और कोई नहीं दे सकता…”
बस फिर क्या भगवान श्री राम की बात मानकर लक्ष्मण मरणासन्न अवस्था में पड़े रावण के सिर के पास जाकर खड़े हो गए।
लक्ष्मण काफी समय तक रावण के सिर के पास खड़े रहे लेकिन रावण ने उनसे कुछ नहीं कहा बस इसके बाद लक्ष्मण वापस लौट आए और फिर भगवान श्रीराम से सारी बातें कही। तब भगवान श्री राम ने लक्ष्मण यह कहा कि अगर किसी से ज्ञान प्राप्त करना हो तो उसके चरणों के पास खड़े होना चाहिए ना कि सिर के पास। भगवान श्री राम की यह बात सुनकर लक्ष्मण वापस रावण के पास गए और बस उसके पैरों के पास खड़े हो गए। यह वही समय था जब महापंडित रावण ने लक्ष्मण को 5 ऐसी बातें बताई जो जीवन में सफलता की कुंजी साबित हुई।
आज वेद संसार आपको रावण के वही 5 उपदेश बताने जा रहा है… जो कुछ इस प्रकार है –
रावण का पहला उपदेश –
किसी भी इंसान को यह भूल से भी नहीं समझना चाहिए कि उसका शत्रु उससे कमजोर है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार जिसे हम कमजोर समझ बैठते हैं वही हमसे ज्यादा ताकतवर साबित हो जाता है।
रावण का दूसरा उपदेश –
आप चाहे कितने भी बलशाली क्यों ना हो पर गलती से भी खुद के बल का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। जान लें कि घमंड इंसान को ऐसे तोड़ देता है, जैसे दांत किसी सुपारी को तोड़ डालता है।
रावण का तीसरा उपदेश –
हम सभी के सच्चे दोस्त व परिवार के लोग हमारे हर बुरे समय में साथ निभाते हैं, इसलिए यह बात गांठ बांध लें कि इंसान को हमेशा अपने हितैषियों की बातें मान लेनी चाहिए, क्योंकि कोई भी हितैषी अपनों का बुरा कभी नहीं सोचता है और ना ही कुछ बुरा चाहता है।
रावण का चौथा उपदेश –
सबसे धनी इंसान वह कहलाता है जिसके हजार नहीं पर एक सच्चा दोस्त ज़रूर से हो। यह बहुत ज़रूरी हैं कि हमें शत्रु और मित्र की पहचान करना आता हो। कई बार जिसे हम अपना मित्र समझते हैं वह ही हमारे शत्रु साबित हो जाते हैं और जिसे हम पराया समझते हैं असल मे वह ही हमारे अपने होते हैं। इसलिए हर बार दिल से नहीं बल्कि दिमाग से भी कोई निर्णय लिया करें।
रावण का पांचवां उपदेश –
पुरुषों का मन बहुत चंचल होता है और सबसे ज़रूरी बात यह है कि किसी भी इंसान को पराई स्त्री पर बुरी नज़र नहीं डालनी चाहिए, क्योंकि पराई स्त्री और बुरी नजर डालने वाला इंसान नष्ट हो जाता है।
हम आशा करते हैं कि आप भी रावण द्वारा बताए गए इन खास 5 उपदेशों को अपने जीवन में अपनाएंगे और एक खुशहाल जीवन का आनंद उठाएंगे।