हर साल माघ माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही गणेश जयंती का पर्व मनाया जाता रहा है, जिसे लोग गणेश चतुर्थी, माघ विनायक चतुर्थी और वरद चतुर्थी भी कहकर पुकारते हैं। बता दें कि इस साल यानी कि 2021 में गणेश जयंती का त्योहार 15 फरवरी को मनाया जाएगा।
साल 2021 में पड़ रहा गणेश जयंती बहुत खास होने वाला है, क्योंकि इस बार गणेश जयंती रवि योग में मनाई जाएगी। दक्षिण भारतीय मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस दिन जो भी लोग पूरे विधि-विधान के साथ व्रत और पूजा करता है उसकी सारी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती है।
आज वेद संसार आपको बताने जा रहा है इस खास गणेश जयंती की शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि –
चतुर्थी तिथि की शुरुआत – 14 फरवरी, 2021 के दिन रविवार की रात 01 बजकर 58 मिनट से।
चतुर्थी तिथि की समाप्ति – 16 फरवरी, 2021 के दिन सोमवार प्रातः 3 बजकर 36 मिनट पर।
गणेश जयंती 2021 की शुभ मुहूर्त –
गणेश जयंती के दिन सही समय पर पूजा करना बहुत शुभ होता है। वहीं, इस दिन पूजा करने के लिए दिन में 11 बजकर 28 मिनट से दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक ही शुभ मुहूर्त रहेगा।
ध्यान रहें कि इस तरह से पूजा की कुल अवधि 2 घंटे 14 मिनट तक की ही रहेगी।
जान लें कि 2021 की गणेश जयंती पर रवियोग भी बना रहा है जो 15 फरवरी प्रातः 06 बजकर 59 मिनट से शाम को 06 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
गणेश जयंती का क्या है महत्व –
गणेश जयंती के शुभ दिन विधिवत, प्रेमपूर्वक गणेश जी का पूजा करने वाले को पूरे साल के गणेश चतुर्थी व्रत के शुभ फल की प्राप्ति जरूर होगी। यह हम सभी जानते हैं कि भगवान गणेश की बुद्धि व शुभता के देव हैं और इनकी कृपा से जीवन में शुभता आती है। यही कारण है कि हर व्यक्ति को विघ्न-बाधाओं से मुक्ति अवश्य होती है। बताते चलें कि गणेश जयंती के दिन भगवान गणेश को लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चंदन और लाल मिठाई ज़रूर अर्पित करना चाहिए।
गणेश जयंती की सही पूजा विधि –
• सबसे पहले गणेश जयंती के दिन सुबह-सुबह उठ जाएं व स्नान-ध्यान करके गणपति बप्पा के व्रत का संकल्प ले लें।
• अब आप दिन में शुभ मुहूर्त के समय किसी पाटे, चौकी लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी की प्रतिमा या फिर चित्र को स्थापित कर लें।
• हां, गंगाजल से छिड़काव करना ना भूलें और गणपति बप्पा को प्रणाम करें।
• भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं और धूप-दीप भी जलाएं।
• और तो और गणेश भगवान को उनकी प्रिय चीजें मोदक, लड्डू, पुष्प, सिंदूर, जनेऊ और 21 दूर्वा अवश्य अर्पित करें।
• इसके बाद पूरे परिवार सहित गणेश जी की आरती करें।
• याद से कुछ लड्डूओं को प्रतिमा के पास ही छोड़ दें और बाकी के लड्डूओं में से सबसे पहले ब्राह्मण को दें बाकी अन्य लोगों औऱ परिवारजन में बांट दें।
दोस्तों, आप सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं !!!