चाणक्य नीति

बच्चों की आदतों पर माता-पिता कैसे रखें नजर, जानें चाण्क्य की यह खास बात!

इस बात से आप सभी वाकीफ होंगे कि आचार्य चाणक्य की गिनती भारत के महानतम विद्वानों में की जाती है। यह अपने समय के बहुत बड़े विद्वान पुरुष हुआ करते थे और इनकी शख्सियत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इन्होंने एक मामूली से दिखने वाले बालक को भारत का महान शासक बना दिया था।

बहुत से लोग आचार्य चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी पुकारते हैं। बता दें कि चाणक्य द्वारा लिखी गई पुस्तक अर्थशास्त्र आज के समय में भी काफी लोकप्रिय है व साथ ही कई लोगों के जीवन में मददगार साबित हुई है।

आचार्य चाणक्य ने ना सिर्फ धर्म बल्कि समाज, राजनीति, अर्थव्यवस्था जैसे कई मुद्दों पर खुल कर अपने विचारों को व्यक्त किया है। यह कहना गलत नहीं होगा कि इन्होंने अपनी बुद्धि के बल पर इतिहास की पूरी धारा को ही बदल के रख दिया।

आज वेद संसार आपको चाणक्य द्वारा बतायी गई कुछ खास बातें बताने जा रहा है, जिन्हें नई जेनरेशन के बच्चों और युवाओं को ध्यान में रखकर बतायी है, जिससे न सिर्फ बच्चे बल्कि उनके माता-पिता को भी अपने बच्चों की देखरेख कैसे करनी चाहिए… इस बात की जानकारी प्राप्त हो पाएगी –

बता दें कि चाणक्य नीति में बच्चों की उन आदतों के बारे में खुलकर जिक्र किया गया है, जिन पर एक माता-पिता को सदैव ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं विस्तार से –

• प्यार से बात करें –

आपने देखा होगा कि कई बच्चे काफी जिद्दी होते हैं, जिस कारण यह बच्चे किसी की भी बात ना तो सुनते हैं और ना मानते हैं। यहां तक कि वह अपने माता-पिता की आज्ञा का भी पालन नहीं करते हैं। वहीं, मां-बाप बच्चों की इन आदतों को शैतानी समझकर नजरअंदाज कर दिया करते हैं। आचार्य चाणक्य की मानें तो इन हालातों में मां-बाप को अपने बच्चों के साथ प्यार से बात करनी चाहिए।

• बताए झूठ बोलना गलत है –

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो बच्चा छोटे से ही अपने माता-पिता से झूठ बोलने लग जाता है… वह आगे चलकर और बड़ा झूठ बोलने से नहीं डरता है, इसलिए ऐसी कोई स्थिति अगर आपके साथ भी है, तो जल्द से जल्द अपने बच्चे की इस आदत को छुड़वाने में जुट जाएं। हर माता-पिता को अपने बच्चों को यह प्यार से बताना व समझाना चाहिए कि झूठ बोलना गलत है। नहीं तो ऐसे बच्चे बड़े होकर और भी ज्यादा खतरनाक काम करने लग जाते हैं और झूठ पर झूठ बोलने से भी नहीं हिचकिचाते हैं, जिसके चलते उन्हें आगे चलकर कई गंभीर समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।

• अच्छे कार्य के लिए प्रोत्साहित करें –

चाणक्य के अनुसार ऐसे बच्चों को बचपन से ही महापुरुषों के बारे में बात बतानी चाहिए व साथ ही उनकी कहानियां भी सुनानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे उन्हें अच्छे कार्यों को करने की प्रेरणा मिलती है व साथ ही उनके मस्तिष्क में सकारात्मक विचार भी आते हैं। और तो और वह अच्छे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित भी अवश्य होते हैं।

दोस्तों, अगर आप भी एक माता है या फिर पिता हैं, तो आचार्य चाणक्य की यह एक खास बात गांठ बांध लें कि अपने बच्चों को कभी भी डांटकर या फिर धमकाकर नहीं समझाना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपके बच्चे चिड़चिड़े व जिद्दी स्वभाव के बनते चलें जाएंगे। अच्छा यही होगा कि आप उनके साथ हमेशा प्यार से बात किया करें, ताकि वह आपकी बात को जल्दी समझें और अपने जीवन में अपनाएं।

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