चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की यह 4 बातें बुरे वक्त से निकाल सकती है बाहर

आचार्य चाणक्य ने जो चाणक्य नीति की रचना की है, उसे हमारे शास्त्रों में भी बहुत उपयोगी ग्रंथ माना गया है। और तो और चाणक्य नीति का संस्कृत-साहित्य में नीतिपरक ग्रन्थों की श्रेणी में भी एक महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।

बता दें कि आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति शास्त्र में सफलता पाने के सुझाव और सूत्र कुछ खास नीतियों के रूप में बताए हैं। यही नहीं, चाणक्य नीति शास्त्र में सैद्धांतिक ज्ञान की बजाय व्यावहारिक ज्ञान की बातें भी विस्तार से बताई गई हैं।

दोस्तों, यह हम सभी जानते हैं कि हमारा जीवन कभी एक समान नहीं रह सकता है… जीवन में जहां एक पल हार है तो दूसरे ही पल जीत के भी क्षण आते हैं

यह सत्य है कि जीवन में आए मुश्किल वक्त इंसान को परिपक्व और अनुभवी बनाता है। हालांकि, कई लोग ऐसे होते हैं जो अपनी चुनौतीपूर्ण समय में धैर्य को खो बैठते हैं और जिसके कारण उन्हें अधिक हानि का सामना करना पड़ता है।

इसलिए कहा जाता है कि हम सबको अपने मुश्किल समय में आचार्य चाणक्य के द्वारा बताई गई कुछ खास बातों का जरूर ध्यान देना चाहिए

आज वेद संसार आपको बताने जा रहा है कि आचार्य चाणक्य ने ‘चाणक्य नीति’ में मुश्किल घड़ी में व्यक्ति को किन बातों का ध्यान रखने की बात कही है –

इस बात से हम सभी सहमत करते हैं कि मुसीबत के समय में सावधानी बरतना बेहद ही आवश्यक होता है, क्योकि संकट काल में व्यक्ति के पास सीमित अवसर होते हैं जबकि चुनौतियां बड़ी होती हैं, ऐसे में हमारी जरा सी चूक हमारा बड़ा नुकसान कर सकती है इसलिए सावधानी बहुत ही जरुरी है।

चलिए विस्तार से जानते हैं कि बुरे समय में हमें चाणक्य द्वारा बतायी गई किन 4 बातों को रखना है याद –

• ठोस रणनीति

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में यह बात कही है कि व्यक्ति को संकट काल से उभरने के लिए कोई ठोस रणनीति की आवश्यकता ज़रूर पड़ती है। जब व्यक्ति संकट के समय उससे भरने की रणनीति बना लेता है, तो वह उस नीति के मुताबिक चरणबद्ध तरीके से कार्य भी करता है और अंत में विजय की प्राप्ति भी हासिल कर लेता है।

• परिवार की जिम्मेदारी निभाना

चाणक्य नीति के अनुसार, बुरे समय में या कोई भी संकट आ जाने पर अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारी कभी नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि परिवार की रक्षा करना हम सबका पहला कर्तव्य है। कैसी भी स्थिति क्यों ना हो आपको अपने परिजनों का साथ हमेशा निभाना चाहिए। और अगर उनके ऊपर किसी तरह की मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है तो आपको उन्हें उस मुसीबत से निकाल बाहर करना चाहिए।

• सेहत पर दें ध्यान

तीसरी बात जो बुरे समय में नहीं भूलनी चाहिए वह खुद की सेहत… जी हां, चाणक्य नीति की मानें तो संकटकाल परिस्थिति में सेहत का विशेष ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यही आपके जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। अगर आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो आप हर वो प्रयास करने में सक्षम होंगे जो आपको संकट से बाहर निकाल सकता है, वरना आप खुद ही बीमार रहेंगे तो आप किसी भी तरह का मानसिक और शारीरिक बल का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे और फिर हर तरह के संकट में खुद ही फंसते चले जाएंगे।

• जमा किया हुआ धन

जीवन में धन का महत्व कितना है, यह हमें बताने की जरूरत नहीं है… जब हम कमाएं तो हमारी कमाई का कुछ भाग हमें जमा कर के रखना चाहिए, ताकि बुरे वक्त में हम अपना वही जमा किया हुआ धन खर्च कर सकें। याद रखें कि अगर आपके पास धन का प्रबंधन ठीक है, तो आप बड़े से बड़े संकट से निकल पाने में सफल हो सकते हैं।

बताते चलें कि आप एक ही दोस्त बनाए, पर वह सच्चा दोस्त बनाएं, क्योंकि संकट के समय सच्चा मित्र ही हमारा धन होता है। ध्यान रहे कि जिस व्यक्ति के पास संकट के समय धन का अभाव होता है, उसके लिए संकट से उभरपाना बड़ा ही कठिन हो जाता है।

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